आरबीआई क्यों खरीद रहा है सोना?

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बड़ी मात्रा में सोना खरीदने की खबरें सामने आई हैं। यह कदम कई आर्थिक और रणनीतिक कारणों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैश्विक बाजार में आर्थिक अनिश्चितता, डॉलर पर निर्भरता को कम करने की रणनीति और मुद्रास्फीति से सुरक्षा जैसे कई कारण आरबीआई के इस फैसले के पीछे माने जा रहे हैं।

आरबीआई द्वारा सोने की खरीदारी के प्रमुख कारण

  1. डॉलर पर निर्भरता कम करना
    वैश्विक बाजार में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की अस्थिरता को देखते हुए कई देशों के केंद्रीय बैंक सोने के भंडार को बढ़ा रहे हैं। आरबीआई भी अपनी विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने के लिए सोने की खरीदारी कर रहा है।
  2. मुद्रास्फीति से सुरक्षा
    सोना हमेशा से एक सुरक्षित संपत्ति मानी जाती रही है, खासकर तब जब महंगाई बढ़ती है। वैश्विक और घरेलू स्तर पर बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण, आरबीआई सोने को एक सुरक्षित निवेश मान रहा है।
  3. वैश्विक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव
    रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और अन्य वैश्विक संकटों के कारण निवेशक पारंपरिक मुद्राओं के बजाय सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं। आरबीआई भी इसी रणनीति का पालन कर रहा है।
  4. भारतीय रुपये को स्थिर बनाए रखना
    डॉलर की मजबूती और रुपये में गिरावट के चलते आरबीआई अपने विदेशी मुद्रा भंडार को और मजबूत करने के लिए सोने को एक प्रमुख संपत्ति के रूप में जोड़ रहा है।
  5. भविष्य के आर्थिक संकटों से सुरक्षा
    आर्थिक संकट के दौरान सोना एक मजबूत संपत्ति साबित होता है। आरबीआई की यह पहल भविष्य के किसी भी संभावित आर्थिक संकट से बचाव की दिशा में एक कदम हो सकता है।

निष्कर्ष

आरबीआई द्वारा सोने की खरीदारी कोई आकस्मिक निर्णय नहीं बल्कि एक सोच-समझी रणनीति है। यह कदम न केवल भारत की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की मुद्रा स्थिरता को बनाए रखने में भी मदद करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह प्रवृत्ति जारी रह सकती है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।

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