प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गैबार्ड से मुलाकात

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की खुफिया प्रमुख तुलसी गैबार्ड से मुलाकात की। यह बैठक भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रणनीतिक और खुफिया सहयोग के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। तुलसी गैबार्ड, जो अमेरिका के हवाई राज्य से पूर्व कांग्रेस सदस्य रह चुकी हैं, को हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी इस नियुक्ति से भारत-अमेरिका संबंधों में और मजबूती आने की उम्मीद जताई जा रही है।

तुलसी गैबार्ड और भारत के साथ उनका गहरा संबंध

तुलसी गैबार्ड का भारत और हिंदू धर्म से गहरा नाता रहा है। वे पहली हिंदू अमेरिकी कांग्रेस सदस्य थीं और उन्होंने 2014 में भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी व्यक्तिगत भगवद गीता की प्रति उपहार स्वरूप दी थी। यह उनकी हिंदू धर्म में आस्था और भारत के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

गैबार्ड ने 2019 में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो पाने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक वीडियो संदेश भेजा था। उन्होंने पीएम मोदी के अमेरिका आगमन पर खुशी जाहिर की थी और भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दिखाई थी। इसके बाद, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने वैश्विक सुरक्षा और सामरिक साझेदारी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी।

बैठक के प्रमुख बिंदु

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तुलसी गैबार्ड की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इनमें निम्नलिखित विषय प्रमुख रहे:

  1. भारत-अमेरिका खुफिया और सुरक्षा सहयोग: अमेरिका और भारत के बीच खुफिया और सुरक्षा सहयोग लगातार बढ़ रहा है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी अभियान, साइबर सुरक्षा और सामरिक रक्षा साझेदारी पर चर्चा की गई।
  2. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता: भारत और अमेरिका दोनों ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस संदर्भ में दोनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी बातचीत हुई।
  3. वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति: रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन की बढ़ती गतिविधियां और अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों नेताओं ने विचार-विमर्श किया।
  4. भारतीय समुदाय और संबंधों को मजबूत करना: अमेरिका में भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, दोनों नेताओं ने भारतीय-अमेरिकियों की भागीदारी और सहयोग को और अधिक मजबूत करने पर चर्चा की।

भविष्य में संबंधों की संभावना

तुलसी गैबार्ड की नई भूमिका भारत-अमेरिका संबंधों में एक नई दिशा दे सकती है। उनकी हिंदू आस्था और भारत के प्रति झुकाव को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वे द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने में योगदान देंगी। भारत और अमेरिका पहले से ही रणनीतिक साझेदार हैं, और अब खुफिया और रक्षा क्षेत्र में सहयोग और भी गहरा हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह बैठक निश्चित रूप से भारत-अमेरिका संबंधों को नए आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच सुरक्षा और खुफिया क्षेत्र में और भी मजबूत साझेदारी देखने को मिल सकती है।

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